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Mahatma Gandhi Biography In Hindi

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी | 


Image result for mahatma gandhi in hindiMahatma Gandhi

आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं, अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो के स्वतंत्रता दिलाई, उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया, वो हमेशा कहते थेबुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती, इस महान इन्सान को भारत में राष्ट्रपिता घोषित कर दिया, उनका पूरा नाम ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ / Mahatma Gandhi इनका जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था.
Mahatma Gandhi
पूरा नाम    –  मोहनदास करमचंद गांधी.
जन्म         –   2 अक्तुंबर १८६९.
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात).
पिता         –    करमचंद.
माता        –   पूतळाबाई.
शिक्षा       –    १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण. १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लौट आये.
विवाह      –    कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी / Mahatma Gandhi In Hindi

Mahatma Gandhi का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था, गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वह
भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे, लेकिन सफल नहीं हुए. उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला, वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे. वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए. अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था, उसके बारे में एक किसा भी है, जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गाँधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया.वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया. वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे. आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गाँधीजी पूरी जिंदगी चले, पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया, 1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया, उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे. लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था. और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे.

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